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मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010
माँ रखियो लाज हमारी........
जय माता की,
माँ रखियो लाज हमारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
तू खड़ग खप्पर को धारी,
कर मैं त्रिशूल है भारी,
तू करती सिंह सवारी,
तू दुष्टों की संहारी,
माँ रखियो लाज हमारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है जगत जननी जग माता,
है त्रिभुवन भाग्य विधाता,
है परम शक्ति परमेश्वरी,
है करूणा निधि करूनेश्वरी,
है दुख भंजन सुखकारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है चंड मुंड संहारिणी,
है रक्त बीज निस्तारिणी,
है शुम्भ निशुंभ पछाडिणी,
है महिसासुर प्राण निकारिणी,
हम आये शरण तुम्हारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
है भैरव तारा जग तारिणि,
है मुंड माल गल धारिणी,
है दुर्गा दुर्ग विनासिनी,
है नगर कोट की वासिनी,
ना भ्रकुटी तने तुम्हारी,
माँ रखियो लाज हमारी........
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वन्दे मातरम,
जवाब देंहटाएंआपके ब्लॉग में आकर आपके परिचय एवं लिखित समस्त रचनाओं को पढ़कर मन अभिभूत हो गया और सच में ऐसा लगा जैसे यहाँ "अभियान भारतीय" के उद्देश्य प्रासंगिक हो गए.......
"अभियान भारतीय" एक निस्वार्थ गैर राजनैतिक, गैर धार्मिक, गैर जातीय, जनचेतनात्मक आन्दोलन है जिसका उद्देश्य देश कि जनता को जाती धर्म प्रांतवाद के तमाम भेदभाव से मुक्त कर केवल भारतीयता के एकमात्र सूत्र में पिरोन है, मै आप से आग्रह करता हूँ की इस महाभियान में शामिल होकर इसे सफल बनायें......
ब्लॉग में आकर मार्गदर्शन करने एवं यहाँ तक आने का मार्ग प्रशस्त करने हेतु सादर धन्यवाद|
जय माता दी ... माता की ये रचना ज्वार भरती है दिल में ....
जवाब देंहटाएंजय माता की...
जवाब देंहटाएंमाता की स्तुति पढाने के लिए आभार|
अब क्यों नहीं लिख रहे हो?
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